रोजाना बंद हो रही गौला नदी से बेरोजगार हो रहे खनन कारोबारी

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लालकुआं: सोचा था गौला नदी में मेहनत कर बच्चों की फीस व विहार के राशन की व्यवस्था करेंगे पर यहां आने के बाद खुद के खाने के लाले पड़ गए। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा खनन से राजस्व देने वाली गौला नदी का लालकुआं डिवीजन होली के बाद से मात्र एक दिन खुली है। ऐसे में नदी से उप खनिज नहीं निकलने से जहां सरकार को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है वहीं गोला नदी से खनन से जुड़े लोगों को मिलने वाला रोजगार भी बंद हो चुका है, यही नहीं खनन में आ रही अड़चनों के कारण बाहर से आए मजदूर अपने घरों को लौटने को मजबूर हो गए हैं।
गौला नदी के लालकुआं प्रभाग के छह क़निकासी गेट होली के बाद से सिर्फ एक ही दिन खुले हैं ऐसे में बाहर से आए मजदूरों के साथ-साथ वाहन स्वामियों के आगे भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में आगे भी नदी का भविष्य नहीं देखते हुए बाहर से आए मजदूरों को पलायन करने के सिवाय और कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा है। गौला संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र दानू समेत कई वाहन स्वामियों का कहना है कि उप खनिज चुगान के लिए अब पांच या छह ही चक्कर बचे हैं, लेकिन निकासी गेट अक्सर बंद ही रह रहा है, जिस कारण वाहन स्वामियों को अपने चालकों का वेतन टैक्स एवं इंश्योरेंस देने में काफी तकलीफ हो रही हैं, और उनको काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं मजदूरों का कहना है कि उनके आगे बच्चों की फीस कपड़े व घर का राशन जुटाने में काफी तकलीफ आ रही है, सबने एक स्वर में मांग उठाई है कि या तो गोला नदी को लगातार चलाया जाए या पूरी तरह से इसे बंद कर दिया जाए।