उत्तराखंड की मंजूबाला को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, 3 सितंबर को राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित
चंपावत: चंपावत जिले के बाराकोट ब्लॉक स्थित च्यूरानी प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मंजूबाला को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है। वह उत्तराखंड की एकमात्र शिक्षिका हैं जिन्हें इस साल यह सम्मान मिलेगा। 3 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान करेंगी।
कौन हैं मंजूबाला और उनकी उपलब्धियां?
मंजूबाला 2005 से च्यूरानी प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत हैं, जो सड़क से लगभग ढाई किलोमीटर की पैदल दूरी पर स्थित एक दुर्गम स्कूल है। उन्होंने अपने नवाचार से इस स्कूल को 2011 में जिले का पहला अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बनाया। वह बच्चों को नियमित कक्षाओं के अलावा इवनिंग क्लास में हिंदी, अंग्रेजी और कुमाऊंनी भाषा भी सिखाती हैं। उनके पढ़ाए हुए कई छात्रों ने सेना, एसएसबी और नवोदय विद्यालयों में चयन प्राप्त किया है।
चुनौतियों के बीच समर्पण
च्यूरानी गाँव की दुर्गमता और सीमित संसाधनों के बावजूद मंजूबाला ने अपने समर्पण से स्कूल को नई पहचान दिलाई है। वह रोजाना ढाई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुँचती हैं। उनके इसी जज्बे को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना है। मंजूबाला को इससे पहले शैलेश मटियानी पुरस्कार (2021), तीलू रौतेली पुरस्कार (2022) और आयरन लेडी पुरस्कार (2023) सहित कई सम्मान मिल चुके हैं। पुरस्कार के रूप में उन्हें एक प्रमाण पत्र, 50,000 रुपये नकद और एक रजत पदक प्रदान किया जाएगा।



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