‘पीएम गंगा पुत्र, तो मैं शिखंडी… हमें भी अपनाना पड़ेगा’, बोलीं काशी से चुनाव लड़ रहीं हिमांगी सखी

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अखिल भारत हिंदू महासभा की वाराणसी से घोषित उम्मीदवार किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहां कि गंगा पुत्र पीएम मोदी के सामने मैं शिखंडी की तरह खड़ी हो गई हूं. वाराणसी पहुंची हिमांगी सखी ने कहा कि वह किन्नरों के हक के लिए बनारस से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरी हैं.

किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ने बताया कि उनका मुख्य मुद्दा है कि किन्नर को उनका हक मिले, शिक्षा मिले और विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में एक-एक सीट किन्नरों के लिए रिजर्व की जाए. उन्होंने राहुल गांधी को भी शरणागत होने की नसीहत दी. हिमांगी सखी ने ज्ञानवापी मंदिर की भी पैरवी करते हुए कहा कि वहां मंदिर बनना चाहिए. विध्वंस करके मंदिर तोड़कर वहां मस्जिद बना दी गई थी.

अगर लोकसभा में किन्नरों के लिए सीट होती तो…

चुनाव प्रचार के लिए वाराणसी पहुंची हिमांगी ने बताया कि उन्हें महासभा ने उम्मीदवार वाराणसी से बनाया है. इसलिए वाराणसी से चुनाव लड़ रही हैं. उन्होंने बताया कि वह अपने किन्नर समाज का प्रतिनिधित्व भी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा में किन्नर के लिए सीट आरक्षित हुई होती, तो आज उन्हें यह सब करने की जरूरत न पड़ती.

हिमांगी ने आगे कहा कि अखिल भारत हिंदू महासभा के चक्रपाणि जी महाराज ने उन्हें अवसर दिया है. उन्होंने जो काम किया है यदि यही काम देश के राजाओं ने किया होता, तो उन्हें काफी आनंद की अनुभूति होती कि हमें हमारे समाज में आगे बढ़ाने के लिए और संसद में अपनी बात को उठाने के लिए चुना गया है.

किन्नरों को मेन स्ट्रीम में क्यों नहीं ला रहे?

उन्होंने कहा कि अगर किन्नर समाज का हिस्सा है, तो हमारे देश के राजा चुप क्यों बैठे हैं? किन्नरों को मेन स्ट्रीम में लेकर क्यों नहीं आ रहे हैं? मोदी सरकार को आए 10 वर्ष हो गए, तो किन्नरों का क्या उत्थान हुआ? आज भी आपके होते हुए किन्नर समाज भीख क्यों मांग रहा है?

उन्होंने बताया कि उनका पहला मुद्दा है कि लोकसभा और विधानसभा में किन्नर के लिए एक-एक सीट आरक्षित होनी चाहिए. इसके अलावा किन्नर समाज को शिक्षित करना, समाज की मुख्य धारा में लाना, किन्नर बचाओ और किन्नर पढ़ाओ का भी एजेंडा रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर किन्नर को शिक्षित किया गया होता, तो आज उन्हें बीच सड़क भीख मांगकर गुजारा न करना पड़ता होता.

हिमांगी ने शिखंडी से की अपनी तुलना

हिमांगी सखी ने अपनी तुलना शिखंडी से की. उन्होंने वह मोदी के रास्ते में खड़ी हैं. शिखंडी को अपनाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी खुद को गंगा पुत्र कहते हैं, तो मैं भी खुद को शिखंडी कहती हूं. गंगा पुत्र अगर शंखनाद कर सकते हैं, तो शिखंडी क्या नहीं कर सकती है?

राहुल गांधी को संदेश देने के सवाल पर हिमांगी सखी ने कहा कि मैं उनको जानती नहीं हूं. राहुल गांधी कौन है? मैं किसी के बारे में क्यों गलत कहूं? उन्होंने पीएम मोदी को गंगा पुत्र कहते हुए कहा कि उन्हें, राहुल गांधी और देश के राजा को शिखंडी यानी उनके आगे शरणागत होना चाहिए.

जल्द बने ज्ञानवापी शिव मंदिर

ज्ञानवापी मामले पर उन्होंने बताया कि ज्ञानवापी का मामला जल्द से जल्द क्लियर हो और वहां ज्ञानवापी शिव मंदिर बने. उन्होंने बताया कि वहां ज्ञानवापी शिवजी का मंदिर है और काशी विश्वेश्वर का वह मूल मंदिर है, जिसका औरंगजेब के समय में विध्वंशीकरण हुआ. उस मंदिर को तो मस्जिद में तब्दील कर दिया गया. आर्कियोलॉजिकल टीम ने हम सभी को यह दिखा दिया है. इसके अवशेष भी मिल चुके हैं. उन्होंने बताया कि मस्जिद हटाकर वहां मंदिर बना दिया जाए. उस छोटे से ढांचे को अब तक हट जाना चाहिए था.