कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने की कवायद शुरू, जिलाधिकारी नैनीताल ने बनाई यह रणनीति

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हल्द्वानी- कोरोना की तीसरी लहर से कम आयु के बच्चों को भी अपनी गिरफ्त मे लेना शुरू कर दिया है। कम आयु वर्ग के बच्चो के संक्रमित होने के केस सामने आने लगे है। छोटे बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने तथा बेहतर इलाज के लिए प्रशासनिक स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। इस सम्बन्ध मे एक महत्वपूर्ण बैठक जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय में बुधवार की देर सांय जिलाधिकारी धीराज सिह गर्ष्याल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

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बैठक मे जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित बच्चो की संख्या मे ईजाफा होने लगा है। बच्चो को बचाने के लिए हमें सामुहिक प्रयास करने होंगे तथा चिकित्सालयों में विशेष व्यवस्थायें एवं प्रबन्ध करने के लिए हमें अभी से सतर्कता पूर्वक कार्य प्रारम्भ कर देना चाहिए। उन्होने बताया कि जनपद के सरकारी अस्पतालो के अलावा निजी अस्पतालों मे भी बच्चा कोरोना नियंत्रण वार्ड स्थापित किये जायेंगे। उन्होने बताया कि एल-1 स्तर के वार्ड नैनीताल बीडी पाण्डे चिकित्सालय, बेस चिकित्सालय  हल्द्वानी तथा एल-2 स्तर के वार्ड गरमपानी,ओखलकांड,बेतालघाट, भवाली तथा  भीमताल मे स्थापित किये जायेंगे। उन्होने मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 भागीरथी जोशी को निर्देश दिये कि इन सभी चिन्हित चिकित्सालयों में एक सप्ताह के भीतर बैड,वैन्टीलेटर, मानिटर,आक्सीजन बैड आदि की व्यवस्थायें सुनिश्चित करा लें। उन्होने कहा कि आने वाले समय में लगभग 250 बच्चों के संक्रमित होने की सम्भावना होगी। उन्होने बताया कि जिले मे लगभग 5 लाख बच्चे हैं। इन सभी का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण तथा लक्षण आने पर विधिवत सैम्पलिंग की व्यवस्था भी जाए। उन्होने कहा कि सुशीला तिवारी चिकित्सालय में भी बच्चों के लिए सुविधायुक्त वार्ड पृथक से तैयार कर लिया जाए।
बैठक मे मौजूद निजी अस्पतालोे के संचालकों एवं प्रबन्धकों से बात करते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के लिए संक्रमित बच्चो के ईलाज के लिए सभी चिन्हित 13 निजी अस्पताल प्रशासन एवं स्वास्थ्य महकमे का सहयोग करें। सभी निजी चिकित्सालयो को प्रशासन द्वारा वांछित सहयोग भी किया जायेगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेन्द्र सिह भण्डारी, सीएमओं डा0 भागीरथी जोशी,एसीएमओ डा0 रश्मि पंत, कृष्णा हास्पिटल एवं रिसर्च संेटर के डा0 जेएस खुराना के अलावा अन्य निजी अस्पतालोें के संचालक भी मौजूद थे।