कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 6 साल बाद फिर शुरू हुई हाथी सफारी
नैनीताल जिले के रामनगर इलाके में स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए एक बेहद शानदार खबर है: हाथी सफारी को लंबे इंतजार के बाद आखिरकार रिजर्व प्रबंधन ने फिर से शुरू कर दिया है। यह सफारी पिछले कई सालों से बंद थी।
हाथी सफारी की वापसी को पर्यटन गतिविधियों में एक नई शक्ति के तौर पर देखा जा रहा है। देहरादून में बैठे मुख्य वन्यजीव वार्डन की मंजूरी मिलने के बाद इसे दोबारा शुरू किया गया है, जिससे देश और विदेश के यात्रियों में उत्साह बढ़ गया है।
📜 सफारी की बहाली
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बहाली का कारण: लगभग छह साल बाद इसकी शुरुआत हुई है।
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पूर्व में प्रतिबंध: साल 2018 में उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और पशु क्रूरता निवारण कानून के तहत पार्क में हाथियों के व्यावसायिक उपयोग को रोक दिया गया था, जिसके बाद हाथी सफारी बंद कर दी गई थी।
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मंजूरी: स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड ने जून 2024 में हुई बैठक में इसे हरी झंडी दी थी।
🗺️ किन ज़ोनों में शुरू हुई सफारी
हाथी सफारी की शुरुआत कॉर्बेट के दो प्रमुख ज़ोनों में की गई है:
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ढिकाला:
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यहाँ दो हाथियों के ज़रिए सुबह और शाम दोनों समय सफारी कराई जा रही है।
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सैलानी जंगल के बीच से गुजरते हुए रामगंगा नदी, घास के मैदानों और घने जंगलों में रहने वाले वन्यजीवों को पास से देख सकते हैं।
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ढिकाला हमेशा से कॉर्बेट का मुख्य आकर्षण रहा है।
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बिजरानी:
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यहाँ एक हाथी से दो अलग-अलग रास्तों पर सफारी कराई जा रही है।
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⏱️ सफारी की अवधि और शुल्क
कॉर्बेट पार्क के वार्डन बिंदर पाल सिंह के अनुसार, सफारी का विवरण इस प्रकार है:
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अवधि: सफारी की अवधि दो घंटे रखी गई है।
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क्षमता: एक हाथी पर अधिकतम पांच लोग बैठ सकते हैं।
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टिकट प्राप्ति: टिकट पार्क के रिसेप्शन सेंटर से ही मिलेंगे।
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प्राथमिकता: टिकट लेने के लिए पहले पहुंचने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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शुल्क (प्रति व्यक्ति):
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भारतीय पर्यटकों के लिए: ₹1000।
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विदेशी यात्रियों के लिए: ₹3000।
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बच्चों के लिए: पांच साल से कम उम्र के बच्चों पर टिकट शुल्क लागू नहीं होगा।
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