हाईकोर्ट ने उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद से मांगा जवाब: निदेशक की नियुक्ति और फंड पर उठे सवाल
हल्द्वानी/नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह मामला उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद, हल्दी में निदेशक पद पर अतिरिक्त प्रभार दिए जाने और करोड़ों रुपये के फंड के दुरुपयोग से जुड़ा है।
सामाजिक कार्यकर्ता की जनहित याचिका पर सुनवाई
सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी द्वारा दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के प्राध्यापक डॉ. संजय कुमार को शैक्षिक योग्यता और अनुभव न होने के बावजूद जैव प्रौद्योगिकी परिषद का अतिरिक्त निदेशक बना दिया गया।
निदेशक की योग्यता और फंड के दुरुपयोग का आरोप
याचिका में यह भी कहा गया है कि डॉ. संजय कुमार ने परिषद की परियोजनाओं के नाम पर करोड़ों रुपये अपने से जुड़ी परियोजनाओं में प्राप्त किए हैं, जिससे गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की आशंका पैदा हुई है।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नरेंद्र जी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब देने का आदेश दिया है। इस घटना ने प्रदेश के शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह नियुक्ति न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि संस्थान की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाती है।



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