इंद्रानगर 2 : चीरबंधन के साथ ही गांव में खड़ी होली शुरू हो गई है। महाबिंदेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ चीरबंधन किया गया। इसके बाद होल्यारों ने कैले बांधी चीर हो रघुनंदन होली से कार्यक्रम शुरू किया।
फिर शिव के मन माही बसे काशी आदि होली गायन हुआ। होल्यारों ने अबीर गुलाल का टीका लगाकर कार्यक्रम आगे बढ़ाया। मालूम हो कि कुमाउं में बैठकी होली का गायन पौष महीने के पहले रविवार से हो जाता है। इसके बाद बसंत पंचमी के बाद होली का रंग बदल जाता है। शिवरात्रि से खड़ी होली गाई जाती है, लेकिन फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी से रंग की होली होती है। रविवार को सुबह 11 बजे महाबिंदेश्वर महादेव मंदिर में चीर बंधन हुआ। इसके बाद होल्यरों ने चीर पर रंग डाला। अबीर-गुलाल का टीका लगाकार होली कार्यक्रम शुरू किया।
यहां शेर सिंह दानू, गोकुलनानंद उपाध्याय, विपिन गोस्वामी, प्रेम गाड़िया,शिवराज सिंह बिष्ट, लक्ष्मण सिंह भंडारी आदि रहे। पहले दिन होली के अखाड़े के अलावा मंदिरों में भी होली गायन हुआ। सोमवार से घर-घर जाकर होली गायन होगा। इंदिरा नगर 1, घोड़ानाला, शास्त्री नगर में भी बंधन के बाद होली गायन शुरू हो गया है। सफेद पोशाक में होल्यार होली के गीतों में मस्त होने लगे हैं। महिलाएं भी टोली बनाकर होली गायन में जुट गए हैं।