पूछते हैं ‘यूपी में का बा, अरे, यूपी में बाबा बा’ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

खबर शेयर करें -

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा में आज राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में अपनी बात रखी.

इस दौरान उनकी अखिलेश यादव के साथ तीखी बहस हुई. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूछते हैं यूपी में का बा, अरे यूपी में बाबा बा…उनके इस चुटकी भरे अंदाज पर सदन में ठहाके गूंज उठे.

इससे पहले बीती रात सदन की कार्यवाही 12 बजकर 17 मिनट तक चली. जिसमें 100 के आस-पास सदस्यों ने उत्साह पूर्वक भाग लेकर राज्यपाल के अभिभाषण एवं अपने क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को उठाया. देर रात चर्चा के दौरान 18 वीं विधानसभा में ऐसा पहली बार हुआ है जिसमें अधिष्ठाता के रूप में अध्यक्ष के सहयोग के लिए डॉ मंजू सिवाच पंकज सिंह, मनीष असीजा, इंद्रजीत सरोज, राकेश प्रताप सिंह ने सदन के संचालन में सहयोग किया. देर रात तक करीब एक सौ 25 से अधिक सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया.

अखिलेश यादव ने अपने बयान में पिछले दिनों मुख्यमंत्री की ओर तंज कसा था उस मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करारा जवाब दिया. साथ ही सीएम योगी ने कहा कि कई मुद्दों को लेकर अखिलेश यादव को करारा जवाब दिया. दोनों के बीच आज जमकर जुबानी जंग दिखी.

हमारी सरकार ने इंसेफ्लाइटिस से मौतों पर 96 प्रतिशत काबू पा लिया है. मैं प्रधानमंत्री को आभार कहूंगा, 11 से 12 मीटिंग होने जा रही है, उत्तर प्रदेश में. यह वह देश है, जिनका पचहत्तर प्रतिशत ट्रेड पर अधिकार है. भारत इस का नेतृत्व कर रहा है, यह हमारे लिए गौरव की बात है. आगरा और लखनऊ में अतिथियों का जिस तरह से स्वागत हुआ वह अभिभूत थे. कोरोना के बावजूद कैसे भारत आगे बढ़ रहा है, यह लोगों ने देखा. विदेश से आए लोगों ने हमारी विकास यात्रा को देखा. आपको बोलने में भी संकोच होता है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा की स्थिति क्या थी. तमाम विद्यालय बंदी के कगार पर थे. मैं धन्यवाद दूंगा अपने सदस्यों को, जिन्होंने विद्यालयों को गोद लिया. आज ऑपरेशन कायाकल्प के तहत आज लाखों विद्यालय दर्शनीय हो गए हैं. आज हम विद्यालयों में हर छात्र को बारह सौ रुपये हर छात्र के अभिभावक के खाते में सीधे दे रहे हैं. सरकार ने कोई भेदभाव नहीं किया. प्रदेश में योजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं. नेता विरोधी दल कह रहे थे कि कुछ अच्छे विश्वविद्यालय भी होने चाहिए. अब हमारे विश्वविद्यालय ही विश्वस्तरीय होंगे. लखनऊ और गोरखपुर तथा कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को ऊंची नैक रैंकिंग प्राप्त हुई है. यह उत्तर प्रदेश की प्रगति है. कुछ लोग इस प्रगति का हिस्सा नहीं बनना चाहते. इसीलिए आलोचना करते हैं. वह स्थिति को बिगाड़ने की कोई स्थिति नहीं छोड़ते. पूछते हैं ‘क्या बा उत्तर प्रदेश में, अरे, बाबा बा उत्तर प्रदेश में.’