मम्मा ने अंकल से कहा इसे फिनिश कर दो, फिर मेरे सामने पापा का गला रेत दिया, मासूम बेटे ने हत्यारिन मां को दिलवाई फांसी की सजा

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शाहजहांपुर कोर्ट ने शनिवार को NRI सुखजीत हत्याकांड में पत्नी रमनदीप कौर को फांसी की सजा सुनाई. वहीं, उसके बॉयफ्रेंड को उम्रकैद की सजा हुई. 8 साल बाद कोर्ट से न्याय मिलने के बाद परिवार खुश है.

मगर, ये खुशी उनके बेटे के जाने के गम को कम नहीं कर पा रही है.

इस केस की सबसे अहम बात ये रही कि पिता को न्याय दिलाने के लिए बड़े बेटे ने मां के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी. बेटे ने उस रात होने वाला पूरा हत्याकांड कोर्ट को बताया.

शाहजहांपुर के इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड की पूरी कहानी पढ़ने से पहले एक बार पूरा मामला पढ़ें-
शाहजहांपुर में 2016 में सुखजीत की हत्या हुई थी। उस वक्त ये हत्याकांड सुर्खियों में रहा। सुखजीत की हत्या की प्लानिंग पत्नी ने इंग्लैंड में बनाई। फिर प्रेमी के साथ मिलकर इंडिया में घटना को अंजाम दिया। वारदात में शामिल प्रेमी दुबई में रहता था।

पुलिस पूछताछ में पत्नी ने बताया था कि इंग्लैंड-दुबई के मुकाबले भारत की कानून व्यवस्था कमजोर है। इसलिए हम दोनों ने उसको भारत लाकर मारा था। क्योंकि मैं पति की दाढ़ी पसंद नहीं थी। इसके साथ ही मैं उसके साथ रहना नहीं चाहती थी, तभी उसको रास्ते से हटा दिया।

पढ़िए मासूम बेटे ने कोर्ट के सामने क्या बताया-
मम्मी-पापा उस दिन मिट्ठू अंकल को एयरपोर्ट छोड़ने गए थे। मैं ऊपर कमरे में सो रहा था। कुछ देर बाद मम्मी-पापा ऊपर आए। पापा की शर्ट में खून लगा था। मैंने पापा से पूछा कि क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि कार का शीशा लग गया। इसके बाद पापा ने मुझे सोने के लिए कहा।

कुछ देर बाद पापा-मम्मी कमरे से बाहर चले गए। वहां दोनों में कुछ बातचीत चल रही थी। इसी बीच मुझे नींद आ जाती है। फिर पापा-मम्मी कब कमरे के अंदर आएं, मुझे पता नहीं चला।

“पापा खुद को छुड़ाने के लिए हाथ-पैर मार रहे थे”
रात में अचानक से मुझे टक की आवाज सुनाई दी। फिर मेरी नींद खुल गई। इसके बाद मैंने चादर हटाकर देखा, तो मम्मी पापा के सीने पर बैठी थीं। उनका तकिए से मुंह दबा रखी थीं। पास में मिट्ठू अंकल खड़े थे। वो हाथ में हथौड़ा लिए थे। वो बार-बार हथौड़ा पापा को मार रहे थे। जबकि पापा खुद को छुड़ाने के लिए हाथ-पैर मार रहे थे।

“मम्मी उसी चाकू से पापा की गर्दन काट देती हैं”
तभी मम्मी मिट्ठू अंकल से कहती हैं, इसको आज फिनिश कर दो। मम्मी के इतना कहते ही मिट्ठू अंकल मम्मी को कहीं से चाकू निकाल कर देते हैं। फिर मम्मी उसी चाकू से पापा की गर्दन काट देती हैं। ये देखकर मैं इतना डर गया कि मैं चिल्ला भी नहीं पाया। मुझे लग रहा था कि ये लोग मुझे भी मार देंगे, इसलिए अपने चादर के अंदर ही फ्रीज हो गया।

बेटे की इस गवाही ने आरोपी मां को फांसी की सजा दिलाई है। बेटे ने मां को सजा होने के बाद कोई अफसोस नहीं जताया। बल्कि उसने यह कहा, ये औरत उसकी मां नहीं बस रमनदीप कौर है। जिसने मेरे सामने मेरे पापा को मार दिया।

पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया- रमनदीप काफी पैसे वाली थी। वो केस की सुनवाई के दौरान भी BMW जैसी गाड़ियों से आती थी। उसका पहनावा, रहन-सहन काफी हाई प्रोफाइल था। वो केस की सुनवाई के दौरान ज्यादातर इंग्लिश ही बोलती थी। जेल में बंद होने के दौरान भी वो किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी।

केस की पूछताछ में ज्यादा सहयोग नहीं करती थी। हमेशा किसी न किसी चीज की डिमांड करती रहती थी। वैसे तो वो कभी भी अपने ससुराल वालों से बात नहीं करती थी, लेकिन 4 अक्टूबर को जब सुखजीत के परिवार वाले कोर्ट से निकले, तो उनको रमनदीप मिल गई। इसके बाद रमनदीप ने अपनी सास से बहुत गाली-गलौज की थी। ये बात कोर्ट को भी बताई गई थी।

उन्होंने ये भी बताया, रमनदीप को देखकर कभी ऐसा नहीं लगा कि उसको कोई अफसोस हो। बल्कि रमनदीप ने 22 वकील बदले और केस भी ट्रांसफर करवाने की कोशिश की। उसको लगता था कि पैसे के दम पर वो कुछ भी करवा लेगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।

कोर्ट ने रमनदीप को सजा सुनाते हुए क्या कहा…पढ़िए-
कोर्ट ने कहा कि भारतीय समाज में एक शादीशुदा महिला के पास इतनी ताकत होती है कि वो अपने पति को यमराज के मुंह से जिंदा बचा लाती है। लेकिन इस मामले में तो रमनदीप ने खुद ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति को हथौड़े और चाकू से मारकर यमराज के पास भेज दिया। इससे ज्यादा भयानक घटना और क्या हो सकती है, जब एक पत्नी अपने ही जीवन साथी का जीवन खत्म कर देती है, वो भी बस एक छोटे से सुख के लिए।

हर औरत को अपनी मां की तरह न समझे
ये कोर्ट रमनदीप और सुखजीत के बच्चों से बस इतना कहना चाहती है, वो लोग हर औरत को अपनी मां की तरह न समझे। उनकी कभी ऐसा लगे, तो वो एक बार अपनी दादी की ओर देख लें। उनकी मां जैसी औरतों करोड़ों में एक होती है। हर कोई वैसा नहीं होता। मां अंश कौर से कहा, आपकी बहू की वजह से आपको बहुत दुख मिले हैं। लेकिन अब आप इन पोते के साथ अपना आगे का जीवन काट सकती हैं। इनको एक अच्छा इंसान बना सकती हैं।

रमनदीप को बचाने के लिए उसके वकील ने क्या दलील दी…पढ़िए-
मेरे क्लाइंट का भरा-पूरा परिवार है। उसके ऊपर पूरे परिवार की जिम्मेदारी है। उसका ये पहला अपराध है। परिवार में बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। बच्चों की दादी भी बूढ़ी हो चुकी है। मेरे क्लाइंट को इस केस में फंसाया गया है। ये सब देखते हुए रमनदीप को कम सजा दी जाए।

नहीं तो उसके बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा। मिट्ठू के वकील ने दलील दी, उसका परिवार उसी के भरोसे है। अभी तक उसकी शादी भी नहीं हुई है। कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। वो दोबारा ऐसा अपराध कभी नहीं करेगा। उसको कम सजा दी जाए।

अब पढ़िए सुखजीत का पारिवारिक बैकग्राउंड-
सुखजीत तीन भाई थे। तीनों की मौत हो चुकी है। सुखजीत के पापा भी नहीं हैं। घर में अब सुखजीत की मां और उसके दो बेटे बचे हैं। सुखजीत के परिवार में 20 एकड़ खेती के लिए जमीन है। जिसकी कीमत करोड़ों में है। उसके परिवार की समाज में काफी इज्जत है। परिवार का सभी लोग सम्मान करते हैं।